
मेरे एक बहुत ही अज़ीज़ दोस्त है Wasiullah, वो अभी B. S. Abdur Rahman University में Junior Research Fellow (PhD) के स्टूडेंट है और फ़िलहाल इंटरेस्ट फ्री (बिलासूदी) बैंकिंग पर रिसर्च कर रहे हैं साथ ही Humane Economic Forum (HEF) के National Coordinator भी हैं !
हमारी पहली से लेकर अब तक की सभी मुलाक़ातें ऑनलाइन ही रही हैं !
लास्ट सन्डे वो अपने रिसर्च वर्क के सिलसिले में Mumbai आये, आने से 1 हफ्ता पहले ही उन्होंने मुझे कॉल कर के बता दिया था की वह यहाँ 4-5 दिन के लिए रहेंगे !
ख़ुशी का ठिकाना नहीं था, की मेरा एक बहुत ही अज़ीज़ दोस्त कुछ दिनों में मेरे पास आ रहा है !
ज़्यादा खुश इस लिए था की 2 साल की इस ऑनलाइन मुलाक़ात का खात्मा हो कर फेस टू फेस मुलाक़ात का वक़्त आ रहा था !
मेरे ग़रीब खाने पर ये 4 दिन कैसे गुज़रे पता ही नहीं चला... कुछ पुरानी ऑनलाइन बातें याद कर के खूब हंसी मजाक हुवा !
बहुत कुछ सीखने को भी मिला.. ! अपनी ज़िन्दगी का एक टारगेट सेट कर के कैसे उस पर बिना रुके झुके आगे बढ़ना है... ! परेशानिया ओर तकलीफें तो जिंदगी का एक हिस्सा है, इससे मायूसी ओर थकान महसूस नहीं होना चाहिए !
हमेशा ख़्वाब देखिये और उसको पूरा करने में जी जान से जुट जाइए !
लिमिटेड रिसोर्सेज कभी भी मकसद हासिल करने में रोड़ा नहीं बन सकते !
और भी अपने स्ट्रगल के बहुत कुछ प्रैक्टिकल एक्सपीरियंसेज...! वाक़ई वसी भाई बहुत ही ज़बरदस्त डायनामिक पर्सनालिटी हैं ! जी चाहता है हमेशा एसे दोस्तों के बीच रहूँ !
वो मेरे दोस्त हैं, इस के लिए मैं अल्लाह रब्बुल इज्ज़त का बे इंतिहा शुक्रगुज़ार हूँ !
नमदीदा आँखे उन्हें विदा करने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं...!
पर..... ज़िन्दगी तो एक मुसलसल सफ़र ही का नाम है ... !
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